बिलासपुर (रमेश चन्द्र श्याम) :- देश में आदिवासी समुदाय पर हो रहे अपमानजनक कृत्य और त्याचार पर समुदाय आक्रोशित है और अपनी प्रतिक्रिया विभिन्न तरीको से व्यक्त कर रहा है. इसी क्रम में रांची झारखण्ड से जनजागरण जत्था शुरू हुआ है. छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के मेजबानी में रांची के बाद छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में एक दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी सेमीनार का आयोजन १९ अगस्त २०२३ को किया गया. विभिन्न नियमों अधिनियमों में धडाधड किये जा रहे संशोधन से आदिवासी समुदाय आशंकित और आक्रोशित है. यद्यपि सामान नागरिक सहिंता प्रकाश में नहीं आया है तथापि आदिवासी समाज के मन में यह आशंका है कि इससे उनको दिए गए प्रथागत सामाजिक नियम और रीती रिवाज की स्वतंत्रता एवं संवैधान प्रदत्त विशेष दर्जा तो नही छीन जायेगा ? वन संरक्षण अधिनियम संशोधन २०२३ से वन और वन उत्पाद पर आदिवासियों के नैसर्गिक और पारम्परिक अधिकार तो ख़त्म नहीं हो जायेंगे ? पेसा कानून के तहत आदिवासियों के स्वशासन का अधिकार कजोर कर दिया गया है. इन सब विषयों पर समाज के प्रबुद्ध जनो ने चिंतन मनन किया. रास्ट्रीय सेमीनार में पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना राल्ज्य के प्रतिनिधि शामिल हुए ।
बिलासपुर से श्रीमती सविता साय प्रदेश अध्यक्ष महिला प्र. रमेश चन्द्र श्याम जिला अध्यक्ष, समय सिंह गोंड कार्यकारी जिला अध्यक्ष बिलासपुर छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा के. के पैकरा. पूर्व अध्यक्ष कंवर समाज, के.पी. प्रधान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रधान समाज, अमृत लाल मरावी उपाध्यक्ष सीपत परिक्षेत्र, राजेन्द्र सिंह मरकाम जिला उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा, जगदीश सिदार, सुकाल सिंह टेकाम घनश्याम खुशरो गोंड समाज सीपत उप महासभा के लोग उपस्थित थे ।
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