भोपाल :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 से पहले ‘भ्रष्टाचार और घोटालों’ का युग था, जब गरीबों के अधिकार और उनके पैसे लूटे जाते थे, लेकिन अब हर पैसा सीधे उनके बैंक खातों में पहुंच रहा है। नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, पांच साल में 13.50 करोड़ भारतीय बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी से बाहर आ गए हैं। बड़ी संख्या में लोग कर चुका रहे हैं, जो उनका भरोसा दर्शाता है कि सरकार उनके पैसे का अच्छा इस्तेमाल कर रही है।
प्रधानमंत्री ने भोपाल में रोजगार मेले में नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कहा सकारात्मक सोच, सही इरादे और पूर्ण निष्ठा का दिख रहा असर मोदी ने आगे कहा, जब निर्णय सकारात्मक सोच, सही इरादे और पूर्ण निष्ठा के साथ किए जाते हैं तो पूरा वातावरण सकारात्मकता से भर जाता है। पीएम विश्वकर्मा योजना की घोषणा इसी दृष्टिकोण का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने बढ़ई, राजमिस्त्री और सुनार सहित पारंपरिक कौशल में लगे लोगों के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी।
अमृत काल के पहले वर्ष में ही सकारात्मक खबरें आनी शुरू हो गईं जो बढ़ती समृद्धि और घटती गरीबी को दर्शाती हैं। लोग निम्न आय वर्ग से उच्च आय वर्ग की ओर बढ़ रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि सभी क्षेत्र मजबूती हासिल कर रहे हैं और रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं। नागरिकों का विश्वास बढ़ रहा है। उनका हर पैसा देश के विकास पर खर्च होगा।
पीएम मोदी ने कहा, देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 2014 के 10वें स्थान से आज पांचवें पायदान पर पहुंच गई है। ‘सिस्टम में लीकेज’ बंद होने से गरीबों के कल्याण पर अधिक पैसा खर्च हो रहा है। निवेश से रोजगार पैदा हुआ है और 2014 के बाद भारत में पांच लाख नए कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिससे कई लोगों को रोजगार मिला है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस मौके पर कुल 5,580 नव नियुक्ति शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे गए। शिक्षण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से जुड़ रहे आप मोदी दिया। ने कहा, आज नियुक्ति पत्र पाने वाले शिक्षक इस ऐतिहासिक काल में शिक्षण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से जुड़ रहे हैं। वे भारत की भावी पीढ़ियों को गढ़ने, उन्हें आधुनिक बनाने और उन्हें एक नई दिशा देने की जिम्मेदारी संभालेंगे। नए शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, क्योंकि वे विकसित भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने में बहुत बड़ा योगदान देंगे। मोदी ने आगे कहा, एनईपी में पारंपरिक ज्ञान के साथ-साथ भविष्य की तकनीक को भी समान महत्व दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में एक नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, जबकि मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने) के संबंध में प्रगति हुई है। हमारी सरकार पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय भाषाओं की किताबों पर जोर देती है, जो देश की शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव का आधार बनेगी।