रायपुर :- ग्रिड में कभी तकनीकी गड़बड़ी के चलते अचानक पूरे प्रदेश में बिजली बंद हो जाए, तो भी राजधानी में बिजली चालू रहेगी। यह संभव होगा न्यू आईलैंडिंग स्कीम से। इस स्कीम के तहत मड़वा पावर प्लांट से सीधे राजधानी को बिजली सप्लाई होगी। कुछ साल पहले ग्रिड फेल होने की वजह से छत्तीसगढ़ समेत कई राज्य अंधेरे में डूब गए थे। इसके बाद से बिजली सप्लाई सिस्टम को बेहतर और अत्याधुनिक बनाने की दिशा में कई काम हुए और हो रहे हैं। इसी क्रम में न्यू आईलैंडिंग स्कीम लागू की जा रही है। देश के 43 शहरों में यह स्कीम लागू की गई है, जिसमें से 26 शहरों में काम चल रहा है। वेस्टर्न रीजन के पांच राज्यों के लिए भी यह स्कीम मंजूर हुई है। इसमें रायपुर, नागपुर, जामनगर, भुज और जबलपुर भी शामिल है।
पावर ट्रांसमिशन कंपनी की एमडी श्रीमती उज्ज्वला बघेल ने बताया कि आईलैंडिंग स्कीम पर काम शुरू होने जा रहा है। इसके लिए आवश्यक उपकरण भी लगाए जाएंगे कंपनी शीघ्र ही कार्ययोजना तैयार करने जा रही है। इस स्कीम का उद्देश्य अचानक तकनीकी खराबी होने और प्रदेश में बिजली बंद होने पर भी कुछ प्रमुख शहरों में बिजली सप्लाई बहाल रखना है। योजना को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि अगर कभी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से पूरे प्रदेश में अंधेरा छाया, तब भी राजधानी रायपुर में बिजली बंद नहीं होगी। खासकर अस्पताल समेत अन्य आवश्यक सेवाएं रत्ती भर भी प्रभावित नहीं होंगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान 2022-25 के तहत 150 करोड़ रुपए की कार्ययोजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा यह न्यू आईलैंडिंग स्कीम स्वीकृत की गई है। इसके लिए पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड (पीएसडीएफ) के तहत 50 प्रतिशत राशि नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (एमएलडीसी) से मिलेगी तथा 50 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी अदा करेगी। इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।
बिजली सप्लाई का नया सिस्टम बनेगा बंद होने की स्थिति में राजधानी को ट्रांसमिशन कंपनी आईलैंडिंग स्कीम के तहत कार्ययोजना तैयार करने जा रही है। इस स्कीम के तहत राजधानी रायपुर के लिए बिजली सप्लाई का नया सिस्टम तैयार होगा। पूरे प्रदेश में बिजली मड़वा पावर प्लांट से सीधे बिजली मिलेगी। बताते हैं कि इस स्कीम के तहत कंट्रोल पैनल एवं अन्य पर छत्तीसगढ़ पावर ट्रांसमिशन उपकरण लगाए जाएंगे। सिस्टम ऑटोमेटिक काम करेगा। ग्रिड फेल होने और अन्य शहरों में बिजली सप्लाई प्रभावित होते ही ऑटोमेटिक सिस्टम के जरिए राजधानी को तुरंत मड़वा से बिजली मिलने लगेगी।
इन दिनों राजधानी में लगभग 500 मेगावॉट बिजली की खपत हो रही है। अभी राजधानी में रायता स्थित 400 केवीए सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति होती है। वर्तमान में पूरे देश में बिजली आपूति वन नेशन, वन ग्रिड सिस्टम के माध्यम से होती है। इसमें सारे राज्य ग्रिड के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। किसी भी राज्य में ग्रिड में परेशानी आने पर उसका असर छत्तीसगढ़ पर भी पड़ता है। ऐसी स्थिति आने पर राजधानी में की सप्लाई ग्रिड से हटाकर सीधे आईलैंडिंग के जरिए की जाएगी।