रायपुर :- 2 दिसम्बर 2022 को विधानसभा से पारित आरक्षण संशोधन विधेयक पर मंगलवार को भी राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हो सके। दरअसल राजभवन में इस विधेयक पर विधिक सलाह लेने के साथ – साथ भविष्य में आने वाली परेशानियों से बचने के लिए भी मंथन कर रहा है। राजभवन को आशंका है कि यदि इस विधेयक के खिलाफ कोई कोर्ट चला गया । तो फिर से पेंच फंस सकता है। इससे बचने के लिए राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों को तलब कर पूरी जानकारी ली है। राजभवन के सूूत्रों का कहना है कि राज्यपाल के बुलावे पर सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह राजभवन पहुंचे थे। इस दौरान राज्यपाल ने पूछा कि यदि इस विधेयक के खिलाफ कोई कोर्ट जाता है, तो सरकार की तरफ से क्या तैयारी है। सरकार की तरफ से किस प्रकार से पक्ष रखा जाएगा। क्या इस मामले में सरकार की तरफ से केविएट दायर किया जाएगा। बताया जाता है कि यह सारी कवायद इसलिए कि जा रही कि फिर से नियुक्तियां और भर्तियां प्रभावित नहीं हो सकें।