Monday, December 23, 2024
Homeभारतहसदेव का मामला पहुँचा राहुल गांधी की भारत यात्रा में

हसदेव का मामला पहुँचा राहुल गांधी की भारत यात्रा में

हसदेव :- राहुल गांधी पूरे देश में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा में राहुल गाँधी जल, जंगल जमीन बचाने की बात करते हैं। इस बार राहुल गाँधी तक हसदेव का मामला पहुंचा है। सरगुजा में स्थित हसदेव जंगलों को काटकर कोल खदानें बनने जा रही हैं। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग इस बात का सीधा विरोध कर रहे हैं। अब उनकी इस विरोध की आवाज राहुल गांधी तक पहुंची है।
हसदेव में पेड़ों की कटाई का मामला: भारत जोड़ो यात्रा में पहुंची विरोध की आवाज, राहुल गांधी बोले मुझे जानकारी है, सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शरीक हुए। उन्होंने एमपी के सागर इलाके में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी से मुलाकात की। यात्रा के दौरान चलते-चलते उन्होंने राहुल गाँधी से कहा कि छत्तीसगढ़ के हसदेव इलाके में कोल प्रोजेक्टस के कारण जंगलों को काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है। आप इस मामले में संज्ञान लें। इसके विरोध में लोग 250 दिनों से धरना दे रहे हैं, लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली है। ये सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा- ये मामला मेरी जानकारी में है, मैं इसे देख रहा हूं।

ग्रामीण बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में

हसदेव क्षेत्र में पिछले 250 दिनों से ग्रामीण हसदेव बचाओ को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। आलोक ने जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर के आगामी सप्ताह में इस इलाके में बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। इस आंदोलन में पूरे प्रदेश से लोग इकट्ठे होंगे, इस आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। क्योंकि खनन से जुड़े कॉर्पोरेट घराना सक्रिय होकर खदानें शुरू करने का प्रयास कर रही हैं।

हसदेव जंगल की 8 हजार पेड़ों से भी ज्यादा की कटाई

हसदेव मामले में आंदोलनरत आलोक शुक्ला एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों के काफी विरोध के बाद भी हसदेव इलाके में पेड़ों की कटाई हुई। हसदेव इलाके के लगभग 8 हजार से भी ज्यादा पेंडो को  काट दिए गए है । यह सब सितंबर के महीने में हुआ। इसके बाद विरोध बढ़ गया। यह मामला अदालत में पहुंचा तब जाकर कटाई पर रोक लगी। इस मामले में अब भी विवाद जारी है।

अदालत की अगली सुनवाई तक पेड़ नहीं काटने का वादा

हसदेव मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद-ICFRE की अध्ययन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। हसदेव अरण्य में हजारों पेड़ों की कटाई की जा चुकी है। अब इसके बाद केंद्र सरकार और राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने यह वादा किया है कि वे अगली सुनवाई तक किसी भी पेड़ को नहीं काटेंगे।

हजारों ग्रामीण इन मांगों को लेकर कर रहे है आंदोलन

ग्रामीणों की मांग है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र की समस्त कोयला खनन परियोजनाओ को निरस्त किया जाए। ग्रामीणों की यह भी मांग है कि ग्रामसभा की सहमति के बिना हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल बेयरिंग एक्ट के तहत किए गए भूमि अधिग्रहण को तत्काल निरस्त कर दिया जाए।
पांचवी अनुसूची क्षेत्र में किसी भी कानून से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के पूर्व ग्रामसभा से अनिवार्य सहमति के प्रावधान लागू किए जाएं।
परसा कोल ब्लाक के लिए ग्राम सभा की फर्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई वन स्वीकृति को तत्काल निरस्त किया जाए। ऐसा करने वाले अधिकारी और कम्पनी पर FIR दर्ज किया जाए।
घाटबर्रा गांव के निरस्त किए गए सामुदायिक वन अधिकार को बहाल करके सभी गांवों में सामुदायिक वन अधिकार और व्यक्तिगत वन अधिकारों को मान्यता दी जाए । साथ ही अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून का पालन कड़ाई से कराया जाए।

RELATED ARTICLES

2 COMMENTS

  1. SMAS лифтинг – эффективное и безопасное улучшение качества дермы
    smas лифтинг ультразвуковая подтяжка [url=https://smas-lift.ru]https://smas-lift.ru[/url].

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

विज्ञापन

- Advertisment -

देश

Recent Comments

MarcusTweli on Home
WilliamCen on Home
WileyCruri on Home
Williamincal on Home
JasonGef on Home
Roberthef on Home
RussellPrell on Home
Tommykap on Home
DavidMiz on Home
SonyaKag on Home