Monday, August 25, 2025
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बोगर की चुनावी जनसभा में मंत्री लखमा को करना पड़ा विरोध का सामना

कांकेर/भानुप्रतापपुर :- सर्व आदिवासी समाज के 32 प्रतिशत आरक्षण में कटौती होने से भानुप्रतापपुर उपचुनाव में प्रमुख मुद्दा गरमा गया है। आरक्षण में कटौती को लेकर पहले तो आदिवासी समाज ने कांग्रेस का बहिष्कार करते हुए अपने समाज से एक प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया। अब जब चुनाव प्रचार का दौर शुरू हुआ तो कांग्रेस का विरोध कर रहे हैं। बुधवार को सुबह जब ग्राम पंचायत बोगर में चुनाव प्रचार करने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी और स्टार प्रचारक मंत्री कवासी लखमा जनसभा में पहुंचे और लोगों को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान ग्राम पंचायत बोगर के सरपंच ज्ञानसिंह गौर मौके पर पहुंच गए और चुनाव प्रचार का विरोध करते हुए कहा कि जो नेता आदिवासियों के अधिकार का विरोध करता वह आदिवासियों का नहीं हो सकता है। ग्रामीणों ने कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी के सामने मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर विरोध में नारे बाजी की। ग्राम सरपंच ने कहा कि आदिवासी समाज को 32 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा था। प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के चलते आरक्षण में कटौती कर दिया गया। आदिवासी समाज के अधिकार को खत्म कर दिया तो विरोध किया जा रहा है। उपचुनाव में प्रदेशभर के स्टार प्रचारकों को लाकर आदिवासियों के खिलाफ खड़ा कर दिया है। अपने आप को आदिवासी कहते हुए आदिवासी भाइयाें के मांग का समर्थन नहीं करते हो कहा जा रहा है। माहौल बिगड़ता देख कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने खुद मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने ग्रामीणों को शांत कराते हुए कहा कि वह उन लोगों से आशीर्वाद लेने आई हैं, उनके पति ने जो सपना देखा था उसे पूरा करने के लिए आई हैं। आरक्षण के मुद्दे को लेकर शांति से बैठकर चर्चा किया जा सकती है।

आदिवासियों को अधिकार नहीं तो दे दूंगी इस्तीफा

कांग्रेस स्टार प्रचारक कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने ग्रामीणों के सामने कहा कि वह भी आदिवासी समाज से हैं। आरक्षण के लिए वह भी समाज के साथ खड़े हैं। प्रदेश सरकार से आदिवासी भाइयों के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं, यदि उनको आरक्षण नहीं मिलता है, वह क्षेत्र के जनता से वादा करता हैं कि वह अपने पद से इस्तीफा देंगे। कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने कहा कि वे जहां पर चुनाव प्रचार करने के लिए जा रही हैं वहां पर कैबिनेट मंत्री आदिवासी भाइयों को उनका अधिकार दिलाने की बात कर रहे हैं। अगर आदिवासियों को आरक्षण नहीं मिला तो वह खुद इस्तीफा दे देंगी।

आरक्षण कटौती का समाज कर रहा भारी विरोध

आरक्षण कटौती के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने इस उपचुनाव में कांग्रेस व भाजपा के खिलाफ अपना एक प्रत्याशी घोषित कर दिया है। जिसके बाद से दोनों ही दलों में हलचल मची है। सर्व आदिवासी समाज से प्रत्याशी की घोषणा होती ही यह चुनाव त्रिकोणीय हो गया है। सर्व आदिवासी समाज ने शत प्रतिशत मत अपने समाज के प्रत्याशी को देने के लिए शपथ दिला दिया है। वहीं पर भाजपा-कांग्रेस अन्य मुद्दों को लेकर प्रचार कर रही हैं।

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