रायपुर :- प्रदेश में आरक्षण मामले को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच क्वांटिफायबल डाटा आयोग ने सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग को ओबीसी और कमजोर आय वर्ग वाले (ईडब्ल्यूएस) लोगों की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी। सूत्रों के मुताबिक सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह को सौंपी रिपोर्ट में प्रदेश में ओबीसी का प्रतिशत 42 से 43 प्रतिशत के बीच है। इसी तरह प्रदेश में कमजोर आय वर्ग के लोगों का प्रतिशत 3.5 फीसदी है। हालांकि इसका अंतिम खुलासा राज्य सरकार विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्तुत करने के बाद ही होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डाटा आयोग में ओबीसी के करीब सवा करोड़ और कमजोर आय वर्ग वालों के दस लाख पंजीयन हुए हैं।
डाटा रिपोर्ट के आधार पर शासन लागू करेगा आरक्षण
प्रदेश में पहले 50 फीसदी ओबीसी का दावा किया जा रहा था। इसी के आधार पर ओबीसी समाज द्वारा शासन से प्रदेश में ओबीसी वर्ग के आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने की मांग की जा रही थी। अब शासन डाटा आयोग की रिपोर्ट पर ही प्रदेश में आरक्षण लागू करेगा ।
चार साल से चल रहा था ओबीसी और कमजोर वर्ग वालो की सर्वे
प्रदेश में ओबीसी और कमजोर वर्ग वालों के सर्वे का काम पिछले चार साल से चल रहा था। शासन ने इन वर्गों के पंजीयन और सर्वे के लिए क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन वर्ष 2019 में किया था। पंजीयन के लिए शासन ने एक पोर्टल भी तैयार किया था, जिसमें सितम्बर 2021 पंजीयन शुरू हुआ। आयोग को सालभर में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। लेकिन निकाय और ग्राम पंचायत स्तर पर समय पर पंजीयन नहीं होने के कारण डाटा आयोग समय पर रिपोर्ट नहीं सौंप पाई। इसलिए सरकार को डाटा आयोग का कार्यकाल कभी छह माह तो कभी दो-दो माह के लिए बढ़ाना पड़ा। पिछले माह अक्टूबर में आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया था। लेकिन रिपोर्ट तैयार नहीं होने के कारण शासन ने आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ाया है। आखिरकार डाटा आयोग ने रिपोर्ट तैयार शासन को सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है।