Monday, August 25, 2025
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बिरसा मुंडा कूकरपानी में क्रांति सूर्य बिरसा मुंडा की जयंती में उमड़ा जनसैलाब, हर्षोल्लास के साथ बनायी गयी जयंती

छिंदवाड़ा -: भगवान महादेवकी नगरी पचमढ़ी की सुरमय वादियों में बसे ग्रामीण क्षेत्र कूकरपानी में पहली बार अंग्रेजों की 200 वर्षों की सत्ता को चुनौती देने वाला आदिवासी योद्धा धरती आबा वीर बिरसा मुंडा जन्मोत्सव 15 नवम्बर 2022 दिन मंगलवार को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। युवाशक्ति मवासी/कोरकू समाज कूकरपानी समिति के आयोजन में आसपास के गांव से ट्रैक्टर औरपिकअप से भरकर आए लोगों का जबरदस्त हुजूम देखने को मिला। युवाशक्ति कोरकू समाज मध्यप्रदेश के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री दिलीप बनदर्शमा संस्थापक, श्री प्रकाश बोसम प्रदेश संयोजक एवं विशेष अतिथि के रूप में नर्मदापुरम से पधारे युवाशक्ति कमेटी के वरिष्ठ पदाधिकारीगण श्री अर्जुनसिंह दर्शमा, शिवलाल बैठेभोपा और देवास जिले के नव युवाशक्ति श्री आजाद बादलसिंह के साथ आए बाल कलाकारों ने मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करके सभा में उपस्थित जनमानसका मन मोह लिया ।

सभा को संबोधित करते हुए श्री प्रकाश बोसम ने कहा कि क्रांति सूर्य भगवान बिरसा मुंडा जी के आंदोलन की बदौलत आज आदिवासी समाज के पास 1 से 2 एकड़ जमीन है। आदिवासी समाज के लोग मुट्ठी भर नमक में अपनी जमीन बेच देते थे, सन 1898 बिरसामुंडाजी के नेतृत्व में ब्रिटिश शासन के 200 वर्ष के कार्यकालको हिला के रख दिया उसी आंदोलन में लाखों आदिवासी शहीद हुए। बिरसा मुंडा जी की वीरता देखकर अंग्रेज भयभीत हो चुके थे तब जाकर एक कानून का प्रावधान किया गया जिसे कहते हैं भूमि संपादन अधिनियम (लैंडिंग विसीजन एक्ट) बनाया गया। इस कानून के तहत आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी नहीं ले सकता। यही नहीं आदिवासी की जमीन सरकार भी नहीं ले सकती थी ।

वही संस्थापक श्री दिलीप बनदर्शमा ने आदिवासी समुदाय को संगठित होने का मंत्र दिया। सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आए दिन आदिवासियों के ऊपर अत्याचार बढ़ रहा है शोषण हो रहा है। शोषण और अत्याचार से मुक्ति के लिए बिरसा मुंडा के विचारोंका अनुसरण करते हुए हमें घर-घर बिरसा मुंडा जगाना होगा। प्रत्येक युवा को बिरसा मुंडा के विचारों का अनुसरण करके खुलकर अत्याचार का विरोध करना होगा। कोरकु समुदाय के वीर योद्धा राजा भभूतसिंह की वीरता का बखान करते हुए श्री बनदर्शमा ने कहा कि कोरकू समुदाय की आन बान शान 1857 की क्रांति के वीर योद्धा राजा भभूतसिंह दुश्मनों के सामने ना झुकने वाला एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर कोरकूओं का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

विगत 2 वर्षों से राजा भभूतसिंह कोरकू का नाम सुनकर उसके मवासी कोरकू समुदाय में जबरदस्त जन जागरूकता की लहर चल रही है। गांव गांव में युवाशक्ति संगठन बनने लगे हैं। वरिष्ठ समाजसेवी कार्यकर्ताओं के मुकाबले नव युवाओं में जन जागरूकता का अलख जगाने की क्रांति की लहर सी दिख रही है। सफेद धोती कुर्ता गमछा पहनकर नव युवासाथी जन जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। सभा की समाप्ति में आदिवासी समुदाय के बड़े ढोल नगाड़ों की धुन पर जिसकी तुलना आज के डीजे से होती है। सभी लोग खूब नृत्य किए। स्वल्पाहार वितरण के पश्चात कार्यक्रम समापन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान कोरकू मवासी युवा शक्ति संगठन के पदाधिकारी सहित कुकरपानी ग्राम के आस पास के क्षेत्रीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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