अलीराजपुरा -: प्रतिवर्ष अनुरूप आदिवासी समाज के द्वारा धरती आबा आजादी के महानायक जल, जंगल, जमीन के संरक्षक क्रान्तिसूर्य महानायक भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती का जिला स्तरीय कार्यक्रम फूलमाल क्षेत्र के ग्राम कुण्डवाट बिरसा मुंडा चौराहा पर आयोजित किया गया। जिसमें आदिवासी समाज जन हजारों की संख्या में अपनी आदिवासी संस्कृति के अनुरूप परम्परागत धनुष तीर- कामठी, फालिया, गोफन के साथ ढोल, मांदल, ढोलकी- सहनाई तथा डीजे की धुन पर नाचते गाते झूमते हुये रैली के रूप में पहुँचे। सर्वप्रथम गांव डाहला, पटेल- पुजारा, अतिथियों एवं आदिवासी समाज जिला कोर कमेटी के सदस्यों के द्वारा आदिवासी परम्परागत संस्कृति, रीति रिवाज अनुसार क्रांतिकारी महानायक बिरसा मुंडा, टंट्या भील, छितु किराड़, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की फोटो पर माल्यार्पण कर प्रकृति, बाबादेव, धरती माता को पूज अर्पित कर देशी दारू की धार डालकर सेवा जोहार किया गया। हजारों की संख्या में पहुँचें समाजजनों ने अपने अपने स्थान पर खड़े होकर प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण एवं जन कल्याण के लिए धरती वंदना की गई।
सर्वप्रथमस्वागत भाषण गांव के पटेलएवं सरपंच श्री शमशेर सिंह पटेल देते हुए कहा कि पूरे जिले के कोने कोने से यहां समाज जन आये हैं। आप सभी को देख कर इस क्षेत्र के लोगों में भी एकता का संदेश मिला, क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर हैं, चारों तरफ से जो रैलीयां आई है, जिससे क्षेत्र में • माहौल बना हैं बिरसा मुंडा जी का संदेश गांव गांव गया हैं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर राजू भाई • बामनिया बड़ोदा गुजरात ने कहा कि आदिवासी संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति हैं, आदिवासियों ने ही वाद्य यंत्रों कीताल, राग, सुरऔर विभिन्नवस्तुयंत्रों का अविष्कार किया गया है विज्ञान और धर्म बहुत बाद में आया है। सिन्धु घाटी की सभ्यता जिसका प्रमाण हैं। आदिवासियों को अपनी संस्कृति, परम्परा, बोली-भाषा, वेश भूषा, पूजा पद्धति, वाद्य यंत्रों तीर कमान तथा जन्म एवं अंतिम संस्कार में उपयोग होने वाले परम्परागत हथियारों का संरक्षण करने की बात कही गई है। ज्ञात हो कि प्रोफेसर राजू भाई बामनिया अपनी आदिवासी वेश भूषा में ही डेली कॉलेज एवं सरकारी दफ्तरों में भी आते-जाते हैं।
जिला कोर कमेटी के सदस्य शंकर भाई तड़वाल ने पेसा एक्ट एवं 5 वीं अनुसूची तथा भूरिया कमेटी की अनुशंसा की विस्तृत जानकारी दी। जयस के प्रदेश प्रभारी मुकेश रावत एवं जिला उपाध्यक्ष अरविंद कनेश ने युवा के लिए शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगारीएवं ग्रामीणों के साथ होनेवाले अत्यचार, शोषण पर संवैधनिक हक-अधिकारों के लिए शालीनता से अपनी बात कर समाज जनों की सहायता करने की बात कही गई है। आकास संगठन के जिला उपाध्यक्ष बहादुर सिंह रावत ने समाज में व्याप्त अव्यवस्था फैली हुई है, जिसे सुधार के लिए एक जुट होकर समाज के सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठजन तथा जनप्रतिनिधि, अधिकारियों को अपना झंडा धर्म पार्टी से ऊपर उठकर काम करने के लिए प्रेरित किया गया है। अभी नही सम्भल पाए तो आने वाले दिनों में समाज अपनी संस्कृति के साथ ही बहुत जल्द अपना अस्तित्व खो देयेंगे। जिसका संरक्षण करने सभी की जिम्मीदरी हैं।
नारी शक्ति कुमारी जामी अवस्था ने समाज में महिलाओं की स्थिति हक अधिकारों एवं बालिका शिक्षा के महत्व को विस्तार से समझाते हुए संबोधन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए – क्षेत्रीय विधायक मुकेश पटेल ने कहाकि आदिवासी के सामाजिक संगठनों की वजह से समाज में काफी जन जागरूकता आई है और उन्होंने आदिवासी परम्परागत रूढ़ि जन्य, 5 वीं अनुसूची एवं पैसा एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप ग्राम सभा के माध्यम से आदिवासी समाज ने कुण्डबाट चौराहा का नामकरण बिरसा मुंडा चौराहा करने
पर सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। कुण्डवाट में बिरसा मुंडा की मूर्ति स्थापना जाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है। समाज की ओर आने वाले समय में बिरसा मुंडा चौराहा कुण्डवाट में बिरसा मुंडा की मूर्ति स्थापना जाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है। आदिवासी एकता परिसद अध्यक्ष मंडल के सदस्य सानिया भाईमोरी कवाटने सम्बोधित करते हैं कहा कि आने वाली 13, 14 एवं 15 जनवरी 2022 की आदिवासी एकता परिषद का सांस्कृतिक एकता महासम्मेलन जो कि गुजरात के कवांट में आयोजित किया जाना है मध्यप्रदेश के साथ ही अलीराजपुरजिले सेविशेष सहयोग करने की बात कही गई है औरसभी सगाजनों को निमंत्रण दिया हैं। इस वर्ष आदिवासी समाज द्वारा कुण्डवाटसाथ ही जिला स्तरीयय परत कार्यक्रम कहीवाड़ा ओर जोबट में भी आयोजित किया गया। जिसमें भी हजारों की संख्या में लोग पहुँचे। सफल आयोजन होने पर रात दिन मेहनत करने वाले एवं व्यवस्था को देखने वाले युवाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर विभिन्न जनप्रतिनिधि, आदिवासी समाज जिला कोर कमेटी के पादधिकारी, सदस्य, आकास, अजाक्स, जय आदिवासी युवा शक्ति, आदिवासी समाज महिला मंडल, आदिवासी छात्र संगठन, खेत मजदूर चेतना संगठन, नारी शक्ति टीम, कर्मचारी-अधिकारी सहित छात्र, किसान, मजदूर आदि सम्मिलित हुये कार्यक्रम का संचालन विक्रम सिंह कनेश एवं नितेश पराड़ ने किया ।
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