सिवनी -: भारत के मूल मालिक, मध्यप्रदेश में सर्वाधिक जनसंख्या वाले जनजाति समुदाय को धार्मिक आस्था अनुसार बड़ादेव उठाना में पूजन पाठ करने से रोकने, धार्मिक सतरंगी ध्वजा को अपमानित करते हुये झंडा गायब करने, जनजातीय समाज को पूजन, पाठ करने से रोकने वाले, जातिगत रूप से अपशब्दों का प्रयोग कर अपमानित करते हुये मारने पीटने की धमकी देने, जनजातीय समुदाय की महिलाओं पर बुरी नियत रखते हुये अपशब्दों का प्रयोग कर अपमानित करने पर अनावेदकगणों पर अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत – प्रकरण दर्ज करने एवं हमें धार्मिक आस्था अनुसार बड़ोदव ठाना में – पूजन पाठ करने देने की मांग को लेकर जनजाति समुदाय के गुलाबचंद उईके, मोहन तेकाम, मुकेश सरेआम, सुखदास इनवाती, मालती इनवाती, राजकुमारी – तेकाम, संगीता उईके एवं अन्य – जनजाति समाज समुदाय के सगाजन, परतापुर, तहसील व थाना सिवनी मध्यप्रदेश द्वारा बीते 19 अक्टूबर 2022 को ही मुख्यमंत्री, कलेक्टर सिवनी, पुलिस अधीक्षक सिवनी, कोतवाली पुलिस थाना । प्रभारी सिवनी, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण थाना सिवनी के नाम शिकायती व प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिला मुख्यालय सिवनी से लगे हुये गांव परतापुर में जनजाति समुदाय के द्वारा दी गई दी गई शिकायत व समस्या का समाधान जनसंवाद व आपसी विचार-विमर्श से भी सरलता से हो सकता है उक्त समस्यामै समय रहते संवेदनशीलता नहीं दिखाये जाने के कारण वाद- विवाद के साथ वह समस्या और जटिल होती जा रही है।
19 अक्टूबर 2022 को जनजातिय सगासमाज के द्वारा दिये गये आवेदन में यह उल्लेख किया गया था कि हम आदिवासी समाज की सबसे ज्यादा जनसंख्या मध्यप्रदेश व सिवनी जिले में भी है लेकिन उसके बाद भी हमें पूजन पाठ तक करने से अनावेदक गणों के द्वारा रोका जा रहा है, हमारा अपमान अनावेदक गणों के द्वारा किया जा रहा है, जनजातीय समुदाय की महिलाओं के साथ भी बुरी नियत के साथ अपशब्दों का प्रयोग कर जातिगत रूप से अपमानित करने का कार्य अनावेदक गणों के द्वारा किया जा रहा है। अनावेदक गणों के द्वारा हम जनजातीय समुदाय के सगाजनों को ही उल्टा कानूनी प्रकरण में फंसाने की धमकी दी जा रही है। जिससे आदिवासी समुदाय के लोग भयभीत है, हमें अनावेदक गण जान से मारने पीटने की धमकी दे रहे है। जिसमें उन्होंने निवेदन किया था कि हम आवेदकगणों को गोडियन, जनजातीय समाज की आस्था, विश्वास, परंपरा, रीतिरिवाज, संस्कृति अनुसार पूजन पाठ करने की अनुमति दी जाये। इसके साथ ही अनावेदकगणों पर अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कार्यवाही की जावे ।
हमारी धार्मिक आस्था के साथ कुठाराघात अनावेदकगणों द्वारा खुलेआम किया जा रहा है
19 अक्टूबर को जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को जनजातिय समुदाय द्वारा दिये गये आवेदन में यह उल्लेख किया गया था कि जिसमें जनजाति समुदाय के सगाजनों ने उल्लेख किया था कि वे भारतकेमूलनिवासी है, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या आदिवासी समुदाय की है, वहीं हम आवेदकगण सिवनी जिला मुख्यालय से लगे हुये ग्राम परतापुर, तहसील व कोतवाली पुलिस थाना अंतर्गत निवास करते है हम समस्त गोंडियन सगा समाज से जनजाति वर्ग से आते है, जो कि जनजातीय समाज संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा अनुसार धार्मिक ध्वजा सतरंगी ध्वजा एवं बड़ादेव ठाना में पूजन पाठ करते आ रहे है। हम समस्त आवेदकगण जनजातीय समुदाय अपनी संस्कृति, रीति रिवाज परंपरा अनुसार पूजन पाठ करते आ रहे हैं लेकिन हमें अपनी आस्था, परंपरा, रीति रिवाज अनुसार पूजन पाठ करने से अनावेदकगणों के द्वारा पूजन पाठ करने से रोका जा रहा है। हम जनजातीय समाज की मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा जनसंख्या है हम भारत की मूल निवासी है इसके बाद भी हम जा जनजातीय समुदाय के सगाजनों को सिवनी जिला मुख्यालय से लगे हुये ग्राम परतापुर में पूजन पाठ करने आस्था अनुसार संस्कृति, परंपरा अनुसार, रीति रिवाज अनुसार पूजन पाठ करने नहीं दे रहे है, हमारी धार्मिक आस्था के साथ कुठाराघात अनावेदकगणों द्वारा खुलेआम किया जा रहा है। हम जनजातीय समाज के सगाजनों पर अन्याय, अत्याचार, शोषण अनावेदकगणों के द्वारा किया जा रहा है।
गांव के पूरे जनजातीय समुदाय पर जान माल का भय का खतरा मंडराता हुआ
इस संबंध में दिये गये आवेदन प्रार्थना पर पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा समय रहते संवेदनशीलता के साथ संज्ञान न लेने के कारण जनजातिय समुदाय व गैरजनजातिय समुदाय के बीच में आपसी बैमनस्यता बढ़ती जा रही है। इसी का परिणाम यह हुआ कि 11 नवंबर 2022 को जनजातिय समुदाय व गैरजनजातिय समुदाय के बीच में वाद-विवाद हुआ | इसके बाद जनजातिय समुदाय के सगाजन महिला, पुरूष अपने बच्चों सहित अजाक थाना सिवनी पहुंचे जहां पर उन्होंने 11 नवंबर की रात्रि में लगभग 8 बजे शिकायत देते हुये कार्यवाही की मांग किया। शिकायत में उन्होंने बताया कि 11 नवम्बर 2022 को ग्राम परतापुर के आदिवासी समाज के लोग 15 नवम्बर बिरसा मुंडा जयंती मनाने के उपलक्ष्य में चर्चा हेतु गांव के चौक पर स्थित भूमि जहां 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया था वहां उपस्थित हुए थे। जहां पर पूजन पाठ करने से रोकने वाले गैरजनजातिय समुदाय के व्यक्तियों के द्वारा बलपूर्वक हम लोगों पर हमला किया गया और अपशब्दों जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर जनजाति वर्ग की महिलाओं व बच्चियों को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाकर चरित्र को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। पूरे गांव के आदिवासियों के भीतरजान, माल के नुकसान का भय है, अतः तात्कालिक रूपसेकार्यवाही की आशा करते है कि हमारी जान लेने की मंशा से घात लगाकर बैठे हुए आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करें।