Saturday, April 19, 2025
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दिसंबर में होगा छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र, राज्यपाल ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

रायपुर -: राज्यपाल अनुसूईया उइके ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है. राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खण्ड (1) की प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुमति दी है. 01 दिसंबर 2022 को सुबह 11 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा का 15वां सत्र आहूत करने के विधानसभा से प्राप्त प्रस्ताव पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर किए. यह सत्र 1 और 2 दिसंबर को होगा ।

सीएम भूपेश ने भेजा था प्रस्ताव

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनजातीय समुदाय के आरक्षण को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा था. सीएम भूपेश ने इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत से सत्र बुलाने का आग्रह किया था. सीएम ने आदिवासी समाज को भरोसा दिलाया है कि राज्य में आरक्षण के मामले में जनजातीय समाज निश्चिंत रहें । उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं. महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में आरक्षण की विधिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का दल जल्द वहां जाएगा । अध्ययन दल के गठन और इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश लेकर सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है ।

जनजातीय समाज को मिलेगा हक

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनजातीय समाज के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो अधिकार हैं, उसका पालन हमारी सरकार कर रही है. हमारी स्पष्ट मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी संवैधानिक अधिकार उन्हें प्राप्त हों ।
बीजेपी ने आरक्षण मामले में कांग्रेस को घेरा : नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने जनजातीय समुदाय के आरक्षण पर कटौती को लेकर बघेल सरकार को घेरा है । इस मुद्दे पर उन्होंने बघेल सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की है. आरक्षण पर छत्तीसगढ़ विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाए जाने का नेता प्रतिपक्ष ने समर्थन किया . नेता प्रतिपक्ष ने इसके साथ ही छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र को 10 दिन का किए जाने की मांग की है । एक वीडियो जारी करते हुए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि राज्य सरकार को सभी विषयों पर चर्चा करनी चाहिए और चर्चा के लिए सत्र का समय बढ़ाया जाना चाहिए. राज्य सरकार को अनुसूचित जन जाति के आरक्षण पर अध्यादेश लाना चाहिए ताकि प्रदेश के गरीब जनजातीय समाज को छत्तीसगढ़ में 32 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल सके ।

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