Wednesday, August 27, 2025
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जनसंख्या के अनुसार आरक्षण के लिए अध्यादेश जारी करने हेतु 8 अक्टूबर को सभी जनप्रतिनिधियों का समाज के आह्वान में रायपुर आगमन पर सौंपा जाएगा ज्ञापन

रायपुर :- न्यायालय  में उचित तथ्य एवं  आंकड़े पेश नहीं करने के लिए जिम्मेदारी तय कर  संबंधित  के विरुद्ध  कठोर कार्यवाही  किए जाने की मांग रखेंगे । अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासी समाज के लिए जनसंख्या के अनुसार आरक्षण लागू करने हेतु अध्यादेश जारी करने एवं छत्तीसगढ़ के विधानसभा में तमिलनाडू सरकार की भांति 50% से अधिक आरक्षण अधिनियम लागू करने हेतु 8 अक्टूबर को रायपुर में महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़, माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, माननीय मंत्री आदिवासी समाज,माननीय विधायकों एवं सांसदों को ज्ञापन सौंपा जावेगा। इस संबंध में प्रथम चरण में संघ के जिला अध्यक्षों एवं ब्लॉक अध्यक्षों द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी 90 विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्ञात हो छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज को जनसंख्या के अनुसार आरक्षण दिए जाने हेतु डिप्टी सेक्रेटरी, मिनीस्टरी ऑफ पर्सनल पब्लिक ग्रिवेन्सेस एण्ड पेंशन्स, डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एण्ड ट्रेनिंग, भारत सरकार, नई दिल्ली का ऑफिस मेमोरेण्डम, दिनांक 05 जुलाई 2005 के अनुसार 12% अनुसूचित जाति वर्ग के लिए, 32% अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए एवं पिछड़ा वर्ग के लिए 6% आरक्षण का प्रावधान किए हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) दिनांक 18 जनवरी 2012 के अनुसार छ.ग. में 12% अनुसूचित जाति वर्ग के लिए , 32% अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए एवं पिछड़ा वर्ग के लिए 14% आरक्षण का प्रावधान किए हैं।
उक्त आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में दायर याचिका क्रमांक 591/2012 में पारित निर्णय दिनांक 19/09/2022 के अनुसार आरक्षण को 58 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की सीमा तक नियत किया गया है। इस निर्णय से आदिवासी समाज आक्रोशित एवं आंदोलित है।
अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष आर एन ध्रुव द्वारा महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके जी, माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी एवं आदिवासी समाज के समस्त मंत्रियों , विधायकों को 8 अक्टूबर को समाज द्वारा आहूत बैठक में आगमन पर ज्ञापन सौंपकर अनुरोध करेंगे  कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के आरक्षण प्रतिशत को जनसंख्या के आधार पर यथावत रखने हेतु अध्यादेश जारी कराने तथा प्रदेश के विधानसभा में तमिलनाडू सरकार की भांति आरक्षण 50% से अधिक कर आरक्षण अधिनियम लागू करने की मांग होगी।
साथ ही न्यायालय  में उचित तथ्य एवं  आंकड़े पेश नहीं करने के लिए जिम्मेदारी तय कर  संबंधित  के विरुद्ध  कठोर कार्यवाही  किए जाने की मांग होगी। आरक्षण  अधिनियम  ,नियम का कठोरता से पालन करने  स्थायी समिति के अध्यक्ष  माननीय श्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम मंत्री अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग छत्तीसगढ़ शासन,  सभी सचिवों, सभी नोडल अधिकरयों एवं  सभी कमिश्नर , कलेक्टर  को   नियमित  समीक्षा बैठक आयोजित करने का निर्देश  दिये जाने की मांग रखेंगे।
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