रायपुर :- अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ की आवश्यक बैठक जिला मुख्यालय कोंडागांव में रखी गई। बैठक में आदिवासी समाज के 32% आरक्षण प्रतिनिधित्व को बचाने हेतु रणनीति बनाया गया। बैठक में समाज प्रमुखों द्वारा छत्तीसगढ़ में माननीय विधायकों द्वारा तत्काल अध्यादेश लाकर आरक्षण को पुन: बहाली करने के साथ ही चौतरफा लड़ाई लड़ने पर जोर दिए। छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के 12% नुकसान एवं बस्तर ,सरगुजा संभाग में स्थानीय भर्ती पर रोक लगाने से समाज में भारी आक्रोश है। उदाहरण स्वरूप बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिला कि यदि बात करें तो वहां अनुसूचित जाति ,जनजाति, पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 94% और सामान्य की 6% है। अब यदि आरक्षण प्रतिनिधित्व को एक रोटी के रूप में बंटवारा करें तो 94% लोग 50% रोटी को खाएंगे और 6% लोग 50% रोटी खाएंगे। ऐसी स्थिति में न्याय की गुंजाइश खत्म हो जाती है। इसलिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के अनुसार न्याय हो। बैठक में कोंडागांव के साथ कांकेर, नारायणपुर, जगदलपुर बस्तर के समाज प्रमुख, अधिकारी कर्मचारी गण विशेष रूप से उपस्थित थे।
