बुध्दम श्याम (अम्बिकापुर) :- वरूक कोया पुनेम गोटूल सगा मादी का शानदार एक सप्ताह क्लास पूरा हुआ ।साथ ही अजिरमा गोंडवाना भवन में गोंडवाना के शिल्पकार व्यंकटेश आत्राम दाऊ का मनाया सामूहिक स्मृतिदिवस मनाया गया । दिनांक 02/10/22 दिन रविवार को प्रात: दस बजे से ग्राम अजिरमा में कोया पुनेम सगा गोटूल मांदी सूरकोट का क्लास आरंभ हुआ । आपको यहां बताते हुए हर्ष हो रहा हे कि सभी बच्चो ने नियमित गोंडी क्लास ज्वाइन करते हुए शानदार एक सप्ताह पूरा किया ।
इस क्लास मे आज की शुरूआत खास थी क्योंकि आज गोंडवाना के शिल्पकार दाऊ व्यंकटेश आत्राम जी का स्मृति दिवस था। ये हमारे गोंड गोंडी गोंडवाना प्रखर विद्वान तर्कशास्त्री, दार्शनिक, गोंडी व्याकरण के ज्ञाता, कवि, लेखक ,थे ये वही शक्स थे जिन्हे पढ़कर सुनकर जानकर , और उनके संपर्क मे आकर पेनवासी मोतीरावेन कंगाली जी ने गोंडवाना के आंदोलन को मजबूती प्रदान की। सभी बच्चों ने बारी बारी से उनके प्रतिमा पर हल्दी अक्षत से टीका किया और उनके जीवन परिचय को जाना । आप सबने मुर्सेनाल बुद्धम श्याम दाऊ से उनके जीवन के बारे मे विस्तार से जानकारी ली । उसके बाद गोटूल क्लास आरंभ किया ।आज गोटूल के क्रम मे खेल कूद ,पी.टी. हुए जिसमें गोंडी में पदसंचालन एवं पाटा सीखने का अवसर बच्चो को मिला। यह पहला अवसर था जब बच्चे गोंडी पाटा के साथ पद संचालन कर रहे थे। अपने पुरखों की गौरवमयी पाटाओं को गा रहे थे। पुछने पर लक्ष्मीदाई ,ने बताया कि हम पिछले एक सप्ताह से कोया पुनेम गोटूल क्लास कर रहे हमे बहुत अच्छा लग रहा। हम अपनी मातृभाषा को सीख रहे। समाज की व्यवस्था हम सीख रहे। ऐसा लग रहा जैसे हमारे पिता हमें नया जीवन दे रहे। हमारा गोरवमयी इतिहास था हम नहीं जानते थे। कार्यक्रम तो बहुत होते थे पर किसी कार्यक्रम में हमें ऐसी जानकारियां कभी नहीं मिली । केवल उपयोग ही होता था। आज हम सबको गोटूल क्लास बहुत अच्छा लग रहा। हमे और दाऊ जी से सीखना है। दाऊ जी के विचार बहुत अच्छे है। दाऊ जी ने हमें भाषा का महत्व बताया । हम किसी भी कीमत में हमारी मातृभाषा को दफन नहीं होने देंगे । दाऊ जी का मार्गदर्शन लेते रहेंगे।
इसी तरह बिमला मराबी दाई बताती है कि गोटूल क्लास हमारी सांस बन चुकी है दाऊ जी का मार्गदर्शन हमारे लिए बहुत कीमती है। गोटूल का गला नहीं घुटने देंगे। हम मातृभाषा सीखेंगे। इस तरह सभी ने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में सभी ने सामूहिक संकल्प लिया कि अपनी मातृभाषा को दफन नहीं होने देगे ।हम कोयतुड़ दाई के असली नत्तूर होने का फर्ज अदा करेंगे। हम अपनी मातृभाषा सीखेंगे। इस क्लास में उपस्थित छात्राओं में रायताड़ लक्ष्मी मराबी , रायताड़ बिमला मराबी , गीतांजली मराबी , रागनी सरूता , नेहा टेकाम ,प्रमिला नेताम सुनीता सिंह पोया , बलजीत मरकाम ,मानसी मराबी , मानवी मराबी सभी बच्चे उपस्थित थे। ये सभी बच्चे मुर्सेनाल बुद्धम श्याम जी के मार्गदर्शन में शिक्षा प्राप्त कर रहे ।