Thursday, January 9, 2025
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स्थानीय बोली भाषा में पढ़ाई न होने से विलुप्त होने के कगार पर हमारी स्थानीय भाषा अब गोंडी, हल्बी,भतरी आदि भाषाओं का होगा पुनरुत्थान – आरएन ध्रुव

धमतरी -:  गोंडवाना समाज सेवा समिति क्षेत्र दुगली, तहसील नगरी, जिला धमतरी छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गोंडी धर्म, संस्कृति का प्रमुख नया फसल आने की खुशी में सर्वप्रथम उस अन्न–जल को देवी– देवताओं में अर्पित कर नवाखाई मिलन समारोह मुड़ा क्षेत्र स्तरीय ग्राम गुहाननाला में हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री आर.एन. ध्रुव प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़, अध्यक्षता श्री मायाराम नागवंशी मुड़ाक्षेत्र अध्यक्ष,प्रदेश सदस्य छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा, विशिष्ट अतिथि श्री मनोज साक्षी जिला पंचायत सदस्य धमतरी, श्रीमती लोकेश्वरी नेताम जिला पंचायत सदस्य गरियाबंद, श्रीमती दिनेश्वरी नेताम जनपद अध्यक्ष नगरी, विशेष संरक्षक श्री बिच्छल मरकाम, श्री नरसिंह मरकाम, श्री जयसिंह सोरी, श्री मानसाय मरकाम, श्री दशरथ नेताम, अतिथि जनपद सदस्य गण श्री बंशीलाल सोरी सभापति कृषि जनपद पंचायत नगरी, श्री उत्तम नेताम जनपद सदस्य राजपुर, श्री नारायण मरकाम जनपद सदस्य मोहेरा,अतिथि तहसील सदस्य श्री भैयालाल वट्टी, श्री बालाराम मंडावी, अतिथि सरपंच गण श्री तुलसीराम मंडावी, श्री घासीराम नेताम, श्री शिवप्रसाद नेताम, श्री महेंद्र नेताम, श्रीमती रामकूंवर मंडावी, श्रीमती उत्तरा मरकाम, आमंत्रित सदस्य श्री सोपसिंह मंडावी, श्री मकसूदन मरकाम, श्री तुलसीराम सोरी, श्री रामलाल तुमरेटी,श्री जलसूराम कुंजाम,श्री डोमार सिंह ध्रुव,श्री टामेश्वर ठाकुर की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में शामिल ग्रामीण सगा समुदाय
कार्यक्रम में शामिल ग्रामीण सगा समुदाय
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री ध्रुव जी ने कहा कि नवाखाई का पर्व ओडिशा एवं उड़ीसा से लगे हुए जिले में भाद्र शुक्ल पक्ष पंचमी को एवं बस्तर में भाद्र शुक्ल पक्ष नवमी को हमारे पूर्वज हजारों साल से मनाते आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में एक तिथि में नवाखाई पर्व मनाने हेतु महासभा द्वारा अपील किया गया था। जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी भाद्र शुक्ल पक्ष नवमी को नवाखाई का पर्व मनाना प्रारंभ कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमें विश्व आदिवासी दिवस की तर्ज पर ऐतिहासिक नवाखाई पर्व पर छत्तीसगढ़ में शासकीय अवकाश घोषित हो इस हेतु पहल करना होगा। हमारे बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ के स्कूलों में सप्ताह के एक दिन स्थानीय बोली भाषा में पढ़ाई कराई जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे विलुप्त होने के कगार पर स्थित हमारे स्थानीय  गोंडी, हल्बी,भतरी आदि प्राचीन समृद्ध भाषाओं का पुनरुत्थान होगा और बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी। मुख्यमंत्री जी के घोषणा के अनुरूप शासन इसके क्रियान्वयन हेतु गोंडी बोली भाषा के जानकार शिक्षकों की नियुक्ति, स्थानीय भाषा के पाठ्य पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता सभी स्कूलों में सुनिश्चित हो। जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि शिक्षा शेरनी का वह दूध है जो पिएगा वह दहाड़ेगा। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए श्री चिंताराम तुमरेटी ने नवाखाई के महत्व पर प्रकाश डाले। श्री अश्वनी कांगे द्वारा पेसा नियम के क्रियान्वयन पर विस्तृत विचार रखे। मंच संचालन श्री बुधराम नेताम द्वारा किया गया। ऐतिहासिक कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजाराम मंडावी, मीडिया प्रभारी सुरेंद्र राज, उपाध्यक्ष राजाराम वट्टी, बिरझूराम मरकाम, सचिव नारायण मरकाम अशोक साक्षी, रोहित कोमरे, हरि मंडावी, मानकी कुंजाम, नंदकुमार नेताम ,खम्मन मंडावी, श्रीमती धनबाई नेताम, मुकेश मंडावी शालिक मंडावी, श्रीमती कलावती मरकाम, मनीष मरकाम जगमोहन कुंजाम सहित बड़ी संख्या में सामाजिक जन उपस्थित थे।
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