Thursday, January 9, 2025
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काश! वो जमाना फिर आये (कविता)

काश! वो जमाना फिर आये
पहले की माँ बच्चों को 
चंदा मामा दिखाकर 
खाना खिलाती थी 
आज की माँ बच्चे को मोबाइल में 
कार्टून विडियो दिखाकर 
खाना खिलाती है ।
ममता वही तरीका नई ।
पहले साल में बारह महीने होते थे 
मोबाईल कंपनी ने मिलकर 
अट्ठाईस दिन का महीना बनाकर 
साल में तेरह महीने कर दिये 
महीना वही साल वही 
गिनने का तरीका नई ।
पहले उदास होते थे 
तो कई दोस्त मनाने आ जाते 
अब सुनने सुनाने को 
मोबाईल में स्टेट्स लगा लेते हैं 
दुख वही दर्द वही 
सुनाने का तरीका नई ।
पहले वैद के भरोसे जिन्दगी था 
दस रुपये में इलाज होता था 
अब अस्पताल के भरोसे है 
पांच लाख में इलाज होता है 
शरीर वही बिमारी वही 
इलाज का तरीका नई ।
पहले प्रकृति के साथ जुड़े रहते 
और प्रकृति की पुजा करते थे 
आज प्रकृति को उजाड़कर 
मानव निर्मित मुर्ति पुजा करतें हैं 
प्रकृति वही दिनचर्या वही 
पुजा का तरीका नई ।
पहले दुकान में लिखा होता था 
ग्राहक भगवान की तरह है 
तो भगवान की तरह फिल होता 
अब लिखा होता है 
आप कैमरे की नजर में हैं
तो चोर की तरह महसूस होता है 
दुकान वही समान वही 
महसूस करने का तरीका नई 
पहले किसी के घर के दरवाजे पर 
लिखा होता सुस्वागतम् 
अब लिखा होता है 
कुत्ते से सावधान 
घर वही रिश्ता वही 
स्वागत का तरीका नई !
     
सोमती सिदार
पुसौर,रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
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